न्याय व्यवस्था धवस्त - रिटायर्ड डीएसपी के कहने पर सिहानीगेट की पुलिस ने किया प्रताड़ित


गाजियाबाद संवाददाता - पूरे उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था जैसे पूरी तरह ध्वस्त हो चुकी है।  अपराधियों  हौंसले इतने बुलंद है की वो पुलिस पर भी हमला करने से नहीं चूकते,  जिसका नवीनतम उदाहरण कानपूर में 8 पुलिस कर्मियों की शहादत के रूप में  है।  परन्तु कहीं न कहीं पुलिस भी इन धटनाओ के लिए जिम्मेदार है जो आम नागरिक को प्रताड़ित करती है और अपराधियों के विरुद्ध कार्यवाही नहीं करती जिससे अपराधियों के हौंसले बुलंद होते है और एक दिन वो पुलिस पर भी हमला कर देते है।  आम नागरिक अपराधियों से ज्यादा पुलिस से डरता है। 


ऐसा ही एक मामला ग़ाज़ियाबाद सिहानी गेट थाने  का भी है जिसमे अशोक नगर स्थित ओम मेडिकल स्टोर के संचालक का है जिसको सोनवीर तोमर नामक व्यक्ति पिछले 13 वर्षो से चला रहे है। सोनवीर तोमर कुछ बीमारियों से ग्रस्त है। जिसकी वजह से वो मेडीकल स्टोर पर नही आ पा रहे और स्टोर को उनके भतीजे डॉक्टर दीपक तोमर चला रहे है।  दीपक तोमर ने आरोप लगाया है कि रिटायर डीएसपी ने पुलिस की मौजूदगी में ही अपने साथियों के साथ मिलकर मेडिकल स्टोर का सारा सामान सड़क पर फेक दिया।


पीड़ित ने जब पुलिस से गुहार लगाई तो बस प्राथना पत्र पर मोहर लगा कर मामले को दबाने का प्रयास किया गया। वही विरोध करने पर जान से मारने की धमकी तक दी है उसके बाद भी पुलिस कोई कार्यवाही नही कर रही है।


दरअसल अशोक नगर ओम मेडिकल स्टोर को दीपक तोमर नामक व्यक्ति चलाते हैं और इसी जगह पर गौरव सिरोही का अस्पताल है गौरव सिरोही के पिता डीएसपी के पद से रिटायर हैं। दीपक तोमर का आरोप  है कि गौरव सिरोही एवं धर्मेंद्र सिरोही ने पुलिस से मिलकर उनके मेडिकल स्टोर में गैरकानूनी रूप से जबरन घुसकर उनका सारा सामान सड़क पर फेंक दिया। उन्होंने बकायदा इस धटना की वीडियो भी बनाई, उन्होंने पुलिस को फोन किया, मौके पर पुलिस आई भी, लेकिन पुलिसकर्मी रिटायर्ड डीएसपी के आगे दबाव में रहे।


जिसके चलते आरोपियों ने पुलिस के सामने ही उनके स्टोर में जबरन घुसकर करीब रूपये 3,00,000/- का सामान सड़क पर फेंक दिया।  दीपक सिरोही व उसके परिवार के लोग अब पुलिस से गुहार लगा रहे हैं साथ ही मुकदमा लिखवाने के लिए प्रार्थना पत्र भी दे रहे हैं।  लेकिन रिटायर्ड डीएसपी के सामने पुलिस वाले भी बौनी ही साबित हो रहे हैं और कहीं ना कहीं अब मेडिकल संचालक अपने आप को आरोपियों के सामने असहाय महसूस कर रहे है और कानून व्यवस्था से  पूरी तरह निराश दिखाई देते है। अब देखना यह है की अपराध मुक्त प्रदेश के बड़े बड़े दावे करने वाली योगी सरकार में पीड़ित को न्याय मिलता है या नहीं।    


बयान -  डॉक्टर साक्षी चौधरी।